रोम बायोस ( ROM BIOS ) क्या है इन के कार्ये


रोम ( ROM ) कम्प्यूटर की प्राथमिक मेमोरी है , जिस पर कोई यूजर कुछ भी लिख नहीं सकता , केवल उस मेमोरी में संचित सूचनाओं को पढ़ सकता है । बायोस ( BIOS ) का विस्तृत नाम बेसिक इनपुट - आउटपुट सिस्टम ( Basic Input - Output System ) है । बायोस , प्रोग्राम्स का एक समूह है ,जो कि कम्प्यूटर के पहली बार ऑन होने पर कम्प्यूटर की मेमोरी में लोड हो जाता है और कम्प्यूटर से सम्बद्ध इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज़ को चिन्हित करता है , ताकि वे अपना कार्य अपनी पूर्ण क्षमता के अनुरूप नियमित रूप से कर सकें । 

रोम बायोस को कम्प्यूटर का रेजीडेन्ट ऑपरेटिंग सिस्टम ( Resident Operating System ) होता है । चूंकि बायोस ( BIOS ) प्रोग्राम , एक रोम ( ROM ) में संग्रहीत ( Stored ) होता है ,इसलिए इसे रोम - बायोस ( ROM - BIOS ) कहते हैं । रोम बायोस एक चिप ( Chip ) के रूप में मदर बोर्ड पर ही लगी होती है । 

जब कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए ऑन करते हैं , तो कम्प्यूटर में विद्युत प्रवाह होते ही रोम बायोस ( ROM BIOS ) अपना कार्य करना प्रारम्भ कर देता है और सबसे पहले पोस्ट ( POST ) प्रोग्राम को एग्जिक्यूट करता है । पोस्ट प्रोग्राम का पूरा नाम पॉवर ऑन सेल्फ टेस्ट ( Power On Self Test ) है 


BIOS के  अवधारणा 


 यह प्रोग्राम यह जांचता है कि कम्प्यूटर ठीक प्रकार से कार्य कर रहा है अथवा नहीं और जांच के परिणाम की सूचना बीप ( Beep ) के माध्यम से यूजर को देता है । यदि कम्प्यूटर ठीक कार्य कर रहा है , तो यह एक बीप उत्पन्न करता है । 

इसके उपरान्त यह मेमोरी की जांच करता है कि कम्प्यूटर की मेमोरी ठीक प्रकार कार्य कर रही है अथवा पोस्ट ( POST ) प्रोग्राम के एग्जिक्यूशन के बाद कम्प्यूटर की बूटिंग प्रारम्भ होती है । 

बूटिंग किस ड्राइव से होनी है , यह सूचना भी रोम बायोस ( ROM BIOS ) में ही स्टोर होती है और बूटिंग का क्रम अर्थात् कम्प्यूटर पहले किस ड्राइव में ऑपरेटिंग सिस्टम को खोजेगा , भी रोम बायोस में ही स्टोर होता है ।

 बूटिंग के क्रम से आशय है कि कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम को सबसे नहीं । मेमोरी की टेस्टिंग मॉनीटर स्क्रीन पर अंकों ( Numbers ) के रूप में प्रदर्शित होती है 


रोम बायोस के कार्ये

 

पहले फ्लॉपी ड्राइव में लगी फ्लॉपी में खोजेगा , सीडी रोम में लगी सीडी में खोजेगा अथवा हार्डडिस्क में खोजेगा । बूटिंग प्रक्रिया में कम्प्यूटर अपनी मेमोरी में ऑपरेटिंग सिस्टम लोड करता है । 

रोम बायोस ( ROM BIOS ) में एक अन्य प्रोग्राम बूट स्ट्रेप लोडर ( Boot Strap Loader ) होता है , जो सी.पी.यू. को यह बताता है कि किस डिस्क से ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोर में लोड करना है । 

रोम बायोस ( ROM BIOS ) के निम्नलिखित दो मुख्य कार्य हैं 

( 1 ) यह मदरबोर्ड के सभी सर्किट्स का आपस में सम्बन्ध बनाए रखता है ।

 ( 2 ) इसमें प्रोसेसर को नियन्त्रित करने के सॉफ्टवेयर के कॉपी होने के कारण यह माइक्रोप्रोसेसर को कार्य करने का निर्देश देता है । 

इसके अतिरिक्त जब कम्प्यूटर सामान्य रूप से अपना कार्य करना प्रारम्भ कर देता है , तो भी रोम बायोस ( ROM BIOS ) अनेक महत्वपूर्ण कार्य ; जैसे विभिन्न रुकावट निर्देशों को पढ़कर उनके अनुरूप कार्य करना , डिस्क सूचनाओं को पढ़ना और डिस्क पर सूचनाओं को अंकित करना आदि , भी निरन्तर करता रहता है । 

रोम बायोस ( ROMBIOS ) को ही पीसी सैटअप ( PC Setup ) भी कहते हैं , क्योंकि यह प्रोग्राम कम्प्यूटर हार्डवेयर , मेमोरी और हार्डडिस्क को स्वतः ही खोजता है । रोम बायोस ( RON BIOS ) के द्वारा हम सिस्टम के कन्फीगरेशन ( Configuration ) को देख और बदल सकते हैं । 

कम्प्यूटर के ऑन होने पर सर्वप्रथम कम्प्यूटर में लगी RAM की जांच होती है । इस समय कम्प्यूटर की मॉनीटर स्क्रीन पर नीचे की ओर एक सन्देश प्रदर्शित होता है कि सैटअप चलाने के लिए की - बोर्ड पर Del ' की ' अथवा फंक्शन ' की ' F8 को दबाएं । अब की - बोर्ड पर Del ' की ' को दबाने पर BIOS सैटअप का प्रदर्शन मॉनीटर स्क्रीन पर होता है । 

इस प्रदर्शन में अनेक ऑप्शन्स प्रदर्शित होते हैं । की - बोर्ड पर ऐरो ' कीज़ ' की सहायता से हम इस प्रदर्शन के विभिन्न ऑप्शन्स में से वांछित ऑप्शन पर पहुंच सकते हैं । हम जिस ऑप्शन पर होते हैं , उसके द्वारा किए जा सकने वाले कार्यों के बारे में सूचना मॉनीटर स्क्रीन पर नीचे की ओर अथवा दाईं ओर प्रदर्शित होती है । 

इसके पहले ऑप्शन Standard CMOS Setup द्वारा हम  समय , दिनांक , हार्ड डिस्क का प्रकार आदि देख और बदल सकते हैं । कार्यों के बारे में जानकारी के नीचे की - बोर्ड की विभिन्न ' कीज़ ' के बारे में जानकारी होती है

 कि किसी ' की ' के द्वारा हम क्या कार्य कर सकते हैं ; जैसे- Esc ' की ' का प्रयोग इस सैटअप से बाहर जाने के लिए , Up Arrow ( 1 ) एवं Down Arrow ( L ) ' कीज़ ' द्वारा वांछित ऑप्शन को सेलेक्ट कर सकते हैं , फंक्शन ' की ' F2 और F3 का प्रयोग सैटअप के बैकग्राउण्ड और अक्षरों का रंग बदलने के लिए किया जाता है 

और फंक्शन ' की ' F10 का प्रयोग इस सैटअप में किए गए परिवर्तनों को सुरक्षित करते हुए इससे बाहर निकलने के लिए किया जाता है । इसका सबसे पहले ऑप्शन का प्रयोग करके Standard CMOS Setup का निर्धारण किया जाता है । 

CMOS का पूरा नाम Complimentary Metal Oxide Semiconductor है । यह एक विशेष प्रकार का पदार्थ होता है । इस पदार्थ द्वारा बनाई गई चिप को CMOS चिप कहा जाता है ।

 इस चिप में संचयन करने की क्षमता होती है । यह स्मृति चिप अपेक्षाकृत मंहगी होती है , परन्तु इस इलैक्ट्रॉनिक स्मृति की विशेषता यह है कि इसे कम्प्यूटर 

के मदरबोर्ड पर लगी बैटरी से सम्बद्ध करके निरन्तर सक्रिय रखा जा सकता है , साथ ही कम्प्यूटर के ऑफ होने पर भी इसमें संचित सूचनाएं नष्ट नहीं होती हैं 

। वैसे तो यह बैटरी कम्प्यूटर के ऑन होने पर चार्ज होती रहती है , परन्तु यदि किसी कारणवश हमारे मदरबोर्ड पर लगी बैटरी कमजोर पड़ जाए तो ,

 यह सूचनाएं नष्ट भी हो सकती हैं । इस बैटरी को CMOS बैटरी कहा जाता है । CMOS चिप पर संचित प्रोग्राम को नहीं बदला जा सकता , 

परन्तु इस प्रोग्राम के अनुरूप कम्प्यूटर हार्डवेयर के बारे में सूचनाएं संचित की जा सकती हैं । standard CMOs Setup के निर्धारण के लिए इस 

ऑप्शन पर आकर Enter ' की ' को दबाने पर मॉनीटर स्क्रीन पर Standard COMS Setup विन्डो प्रदर्शित होती है । इस सैटअप में हम चारों ऐरो ' कीज़ ' की सहायता से विभिन्न ऑप्शन्स पर जा हम दिनांक के माह वाले ऑप्शन पर होते हैं । 

अब हम माह निर्धारण कर लिए जाते हैं । से पहले वाले ऑप्शन Save Settings and Exit को चुनकर Enter ' की ' को  दबा देते हैं । अब BIOS प्रोग्राम हमसे एक बार पुनः पूछता है , कि क्या BIOS में किए गए निर्धारण को सुरक्षित करना है अथवा नहीं । 

यहां पर हम Y ' की ' को दबाकर किए गए निर्धारणों को सरक्षित करते हुए BIOS प्रोग्राम से बाहर आ जाते हैं । में सकते हैं । इस सैटअप में सर्वप्रथम दिनांक का निर्धारण करने का ऑशन दिया होता है । 

इस सैटअप के प्रदर्शित होने पर सर्वप्रथम निर्धारण के लिए PgUp अथवा PgDn ' की ' का प्रयोग करते हैं । pgup ' की ' को दबाने से इससे पूर्व का माह एवं PgDn ' की ' को दबाने पर वर्तमान माह से बाद का माह , माह के स्थान पर प्रदर्शित होता है ।

 हम अनेक बार इन्हीं ' कीज़ ' का प्रयोग करके वांछित माह का निर्धारण कर सकते हैं । माह के निर्धारण के उपरान्त → की की सहायता से दिनांक एवं सन् पर आकर वर्तमान दिनांक एवं सन् का निर्धारण PgUp एवं PgDn ' कीज़ ' का आवश्यकतानुसार |

 प्रयोग करके कर लिया जाता है । इस सैटअप में हम इन ऐरो ' कीज़ ' एवं PgUp तथा PgDn ' कीज़ ' का प्रयोग करके फ्लॉपी डिस्क ड्राइव्स एवं हार्ड डिस्क आदि का निर्धारण कर लेते हैं । 

हार्ड डिस्क के निर्धारण के लिए Auto ऑप्शन चुनने पर कम्प्यूटर के ऑन होने पर BIOS प्रोग्राम के कार्यान्वित होने पर यह प्रोग्राम स्वतः ही कम्प्यूटर में लगी हार्ड डिस्क के Configuration को खोजकर प्रभावी करता है । 

यदि हम यहां पर User ऑप्शन को चुनते हैं , तो इसके आगे Size , CyIn , Head आदि ऑप्शन भी सक्रिय हो जाते हैं । प्रत्येक हार्ड डिस्क के बारे में यह जानकारी हार्ड डिस्क के ऊपर लगे स्टिकर पर दी होती है । यदि हमने हार्ड डिस्क को लगाते समय इस जानकारी को नोट कर लिया है , 

तो इस जानकारी को यहां पर टाइप कर देते हैं । यदि हमने इसे नोट नहीं किया है , और हार्ड डिस्क का निर्धारण करने के लिए User ऑप्शन को ही चुनना चाहते हैं , 


तो इस ऑप्शन को चुनकर Esc ' की ' को दबाकर BIOS प्रोग्राम की मुख्य विन्डो में आकर Auto - Detect Hard Disk ऑप्शन पर आकर Enter ' की 'को दबाते हैं । 

अब यह प्रोग्राम कम्प्यूटर में लगी हार्ड डिस्क को खोजता है और उसके Configuration का भी प्रदर्शन करता है , यहां पर Y ' की ' को दबाकर इसे स्वीकार कर लिया जाता है । सर्वप्रथम यह खोज Primary Master हार्ड डिस्क के लिए होती है । 

इसी प्रकार हम Primary Slave हार्ड डिस्क , Secondary Master और Secondary Slave हार्ड डिस्क का भी Detection कर लेते हैं । जब चारों प्रकार की हार्ड डिस्क का Detection पूर्ण हो जाता है , 

तो Esc को दबाकर BIOS प्रोग्राम की मुख्य विन्डो में आकर Standard CMOS Setup ऑप्शन पर आकर Enter ' की ' को दबाते हैं । अब मॉनीटर स्क्रीन पर Standard CMOS Setup का जो प्रदर्शन होता है , उसमें Pri Master के लिए हमने जो User ऑप्शन चुना था , 

अब उसके सामने दिए गए सभी ऑप्शन्स में हार्ड डिस्क से सम्बन्धित सूचनाएं स्वतः ही आ जाती हैं । Standard COMS Setup में समस्त निर्धारण के उपरान्त Esc ' की ' को दबाकर BIOS प्रोग्राम की मुख्य विन्डो में आकर Advanced COMS Setup ऑप्शन पर आकर Enter ' की ' को दबाते हैं । 

यहां पर विभिन्न निर्धारण मॉनीटर स्क्रीन पर बायीं ओर दिए होते हैं । हम इनमें से जिस ऑप्शन पर भी होते हैं , उसके निर्धारण के लिए अन्य ऑप्शन्स की सूची मॉनीटर स्क्रीन पर दायीं ओर प्रदर्शित होती है । 

इसके पहले निर्धारण 1st Boot Device को सेलेक्ट करने पर विभिन्न बूटिंग डिवाइसेज़ की सूची मॉनीटर कीन पर दायीं ओर प्रदर्शित होती है । यहां पर पहले चार ऑप्शन यह निर्धारित करने के लिए होते हैं , कि कम्प्यूटर बूट होते समय ऑपरेटिंग सिस्टम को कहां पर तलाश करे ।

1st Boot Device के सामने निर्धारित की युक्ति में कम्प्यूटर सर्वप्रथम ऑपरेटिंग सिस्टम की तलाश करेगा , यदि वह इस युक्ति को तैयार नहीं पाता है , तो 

2nd Boot Device के सामने निर्धारित युक्ति में ऑपरेटिंग सिस्टम की तलाश करेगा । इसी प्रकार इस युक्ति को तैयार न पाने पर 

3rd Boot Device एवं फिर 

4th Boot Device में ऑपरेटिंग सिस्टम इसे जिस भी युक्ति में यह मिल जाएगा , वहां से इसे पढ़कर , इसके अनुरूप बूट हो जाएगा । 

इसी प्रकार यहां पर अन्य BIOS के समस्त निर्धारण के उपरान्त इसकी मुख्य स्क्रीन पर आने के उपरान्त फंक्शन ' की ' F10 अथवा इसके अन्तिम की तलाश करेगा